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लिफ्ट व एस्केलेटर की लें अनुमति या कराएं आॅडिट, अन्यथा कार्यवाही के लिए रहें तैयार



ग्वालियर दिनांक 17 मार्च 2021ः

- नगर निगम सीमा अंतर्गत जिन नागरिकों एवं निजी व शासकीय संस्थाओं द्वारा अपने भवन या संस्थान में लिफ्ट या एस्केलेटर आदि लगा रखा हो तो वह उसकी विधिवत अनुमति लें तथा पहले से संचालित लिफ्ट या एस्केलेटर की आॅडिट नगर निगम की फायर बिग्रेड शाखा से कराएं, अन्यथा किसी भी घटना-दुर्घटना की स्थिति बनने पर संबंधित पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।   

नगर निगम आयुक्त श्री शिवम वर्मा के आदेशानुसार शहर में स्थित किसी भी प्रकार की वाणिज्यक एवं निजी गतिविधि वाली बिल्डिंग, आॅफिसेज, हाॅस्पीटल, नर्सिंग होम, उत्पादन भवन, शिक्षण भवन, भण्डारण तथा गोदाम आदि में लगने वाली लिफ्ट व एस्केलेटर की अनुमति व उसकी आॅडिट के लिए जांच दल गठित किया गया है। जिसमें प्रभारी सहायक यंत्री सिविल श्री महेन्द्र अग्रवाल, प्रभारी सहायक यंत्री मैकेनिकल श्री शैलेन्द्र सक्सेना एवं प्रभारी सहायक यंत्री इलेक्ट्रीकल श्रीमती अभिलाषा बघेल को शामिल किया गया है। 

           उपायुक्त डा अतिबल सिंह यादव ने बताया कि निगमायुक्त के निर्देशानुसार ऐसे स्थल जिसमें लिफ्ट एस्केलेटर या मूविंग वाॅक स्थापित किया हो। प्रत्येक भवन स्वामी को इसके लागू होने की दिनांक से 6 माह के अंदर संबंधित प्राधिकारी को परिशिष्ट क 2 (ख) में लिफ्ट एस्केलेटर या मूविंग वाॅक के लिए रूपये 500 प्रति यूनिट की दर से शुल्क के साथ सूचित करना होगा। उपरोक्त 6 माह की पूर्वोक्त अवधि, आवेदन प्रस्तुत करने पर समुचित कारण सहित पारित आदेश द्वारा 6 माह तक आगे बढाई जा सकती है। समुचित प्राधिकारी द्वारा प्रत्येक इकाई का विशिष्ट पंजीकरण क्रमांक प्रदाय किया जायेगा। तथापि व्यक्तिगत भवन स्वामी जो अपने आवासीय परिसर में लिफ्ट, एस्केलेटर या मूविंग वाॅक का उपयोग कर रहे हैं 3 मंजिला भवन तक के लिए उन्हें इससे छूट होगी लेकिन उन्हें वार्षिक आॅडिट कराना अनिवार्य होगा।

  इसके साथ ही प्रत्येक भवन स्वामी लिफ्ट का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के साथ लिफ्ट, एस्केलेटर अथवा मूविंग वाॅक का बीमा मान्यता प्राप्त संस्था से करायेगा। लिफ्ट इंजीनियर द्वारा स्थापना के पश्चात दिये गये रखरखाव के निर्देश एवं नियम व शर्तों का पालन करेगा एवं प्रत्येक भवन स्वामी लिफ्ट इंजीनियर से विधिवत हस्ताक्षरित एक छ मासिक आवधिक सुरक्षा और लेखा परीक्षा रिर्पोट संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेगा। साथ ही यदि कोई दुर्घटना होती है तो 24 घंटे के अंदर दुर्घटन का पूर्ण विवरण भवन स्वामी संबंधित प्राधिकारी को देगा। 

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