ऐसे नवाचार करें जिनसे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर जिले की पहचान बनें – कलेक्टर
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में हुई नवाचारों पर चर्चा
ग्वालियर 13 अक्टूबर 2021:-
जनहित से जुड़े विभाग ऐसे नवाचार करें जो राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर जिले की पहचान बन सकें। यह निर्देश कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने नवाचारों को धरातल पर लाने के लिए विभागवार 3 से 6 माह तक की समय-सीमा निर्धारित की है।
बुधवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सरकार की योजनाओं के तहत विभागवार हुए अच्छे कार्यों की जानकारी ली। साथ ही अगले महीनों में मूर्तरूप लेने जा रहे नवाचारों के संबंध में सुझाव भी लिए। उन्होंने जिले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्कूलों की मॉनीटरिंग के लिए बनाए गए सिस्टम की सराहना की। इस सिस्टम के तहत जिले स्तर से हर कार्य दिवस को रेण्डम आधार पर 15 स्कूलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मॉनीटरिंग की जाती है। जिसके तहत शौचालय व स्कूलों की साफ-सफाई की निगरानी के साथ-साथ बच्चों से चर्चा कर शैक्षणिक गुणवत्ता व पाठ्यक्रम अनुसार पढ़ाई पर नजर रखी जाती है।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष तिवारी व अपर कलेक्टर श्री एच बी शर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
नवाचारों के लिए विभागवार आए सुझाव
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ग्वालियर शहर में एक स्कूल को अत्याधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं के साथ-साथ उत्कृष्ट शिक्षकों की व्यवस्था कर आदर्श विद्यालय बनाया जाएगा। इसमें प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर छोटे बच्चों की अनौपचारिक पढ़ाई में आंगनबाड़ी केन्द्र भी सहयोग करेंगे। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने निर्देश दिए कि आदर्श विद्यालय में सभी व्यवस्थायें व पढ़ाई उत्कृष्टतम हो, जिससे उसमें प्रवेश के लिये बड़ी प्रतिस्पर्धा हो और विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे जिले का नाम रोशन कर सकें।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार व नौकरी दिलाने के लिये एक प्लेटफार्म के रूप में कंपनी गठित की जायेगी। साथ ही हर माह प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित कर महिलाओं को विभिन्न कंपनियों में नौकरी दिलाने के प्रयास भी होंगे।
नगर निगम द्वारा बस स्टेण्ड के रेन बसेरे (आश्रय केन्द्र) में आधुनिक होटल जैसी सुविधायें जुटाई जायेंगीं। साथ ही दीनदयाल रसोई को और बेहतर बनाकर उसका विस्तार किया जाएगा।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा हर ग्राम पंचायत में “किसान लाइब्रेरी’’ स्थापित की जाएगी। इसमें किसानों को उन्नत खेती-किसानी की जानकारी देने के साथ-साथ शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के तरीके बताए जायेंगे। उद्यानिकी विभाग से “एक जिला एक उत्पाद’’ के तहत आलू प्रोसेसिंग की 10 यूनिटें स्थापित करने के लिये कहा गया है। इसी तरह कृषि उपज मंडियों में एक ऐसा सेंटर स्थापित किया जाएगा, जहाँ पर किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिले और उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी हो सके। कृषि विभाग की “आत्मा” योजना के तहत भरथरी व बिलौआ में सरकार की योजना के तहत किसानों को मदद देकर उन्नत खेती कराई जायेगी।
खाद्य विभाग द्वारा आशीर्वाद योजना को बाल कल्याण योजना से जोड़कर और प्रभावी बनाया जाएगा। आदिम जाति कल्याण विभाग अपने विभाग के चार छात्रावासों को स्मार्ट छात्रावास में तब्दील करेगा।
जिला पंचायत द्वारा बरई, बेरजा, करहिया व छीमक में शहर की तर्ज पर कचरा संग्रहण और स्वच्छता सिस्टम लागू किया जाएगा। इसी तरह जिले की सभी ग्राम पंचायतों के प्रवेश द्वारों को खूबसूरत बनाया जाएगा। संगीत सम्राट तानसेन जन्मस्थली व भदावना को जोड़ते हुए टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा हजीरा अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही शहर के 35 वार्ड क्लीनिक को संजीवनी क्लीनक के रूप में तैयार कर वहां आरओ के जरिए पेयजल, मजबूत रेफरल सिस्टम एवं बेहतर इलाज की व्यवस्था की जाएगी।
इसी तरह अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा भी आगामी दिनों में किए जाने वाले नवाचारों के संबंध में अपने सुझाव रखे।
खाद वितरण व्यवस्था एवं सीएम हैल्पलाइन सहित अन्य कार्यक्रमों की हुई समीक्षा
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने निर्देश दिए कि खाद वितरण से जुड़ी सभी संस्थायें समय से खुलें और किसानों को सुविधाजनक तरीके से खाद मुहैया कराएँ। खाद वितरण में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष तिवारी ने कहा कि जिन एल-1 स्तर के अधिकारियों द्वारा सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों को अटेण्ड नहीं किया है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करें। उन्होंनें डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिये नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग के अमले से संयुक्त रूप से घर-घर सर्वे करने के निर्देश भी दिए।
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