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एक दिवसीय बैंकिंग फेयर `चेम्बर भवन` में आयोजित

 बैंकिंग फेयर एमपीसीसीआई का नोबल प्रयास, एमएसएमई और बैंक के बीच सेतु के कार्य हेतु एमपीसीसीआई को हेल्पडेस्क प्रारंभ करना चाहिए: डॉ. निशांत जोशी

युवाओं के माइग्रेशन को रोकने के लिए बैंकों को स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना चाहिए: श्री अरविन्द अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, एमपीसीसीआई



ग्वालियर 25 अक्टूबर । म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्बारा प्रथम बार एक ही स्थान पर सभी बैंकों को शामिल कर, एक दिवसीय बैंकिंग फेयर का आयोजन आज ‘चेम्बर भवन` में किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एमपीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष-श्री अरविन्द अग्रवाल द्बारा फीता काटकर किया गया। इस अवसर पर एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल सहित पूर्व उपाध्यक्ष-राधाकिशन खेतान, पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-डॉ. प्रकाश अग्रवाल व बैकों के अधिकारीगण तथा सदस्यगण उपस्थित रहे।



इस अवसर पर एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल द्बारा स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि एमपीसीसीआई  द्बारा पहली बार बैंकिंग फेयर का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्‍य यह है कि एक ही छत के नीचे सभी बैंकों को एकत्रित किया जाये क्योंकि वर्तमान में बैंकों में कॉम्पटीशन की भावना जाग्रत हुई है। इससे हमारे सदस्य व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को इसका लाभ मिले। हम आशा करते हैं कि हमारा यह प्रयास सफल होगा।



कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमपीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष-श्री अरविन्द अग्रवाल ने कहा कि बैंकिंग फेयर का आयोजन निश्‍चित ही पहली बार हुआ है, इससे पूर्व केवल एक बैंक ही हमारे यहां आकर अपनी योजनाओं का प्रचार करती रही हैं। वर्तमान में बैंकों में ब्याज दर कम होती जा रही है, अब ट्रेडिंग को भी एमएसएमई में शामिल कर लिया गया है। एमपीसीसीआई यूथ माइग्रेशन को ग्वालियर में रोकने के लिए आंत्रप्रेन्योर डेवलपमेंट सेल (EDC) के माध्यम से कार्य कर रहा है। हमारा प्रयास है कि हमारे युवाओं को ग्वालियर में ही अपने उद्यम स्थापित करने का अवसर मिले। कई ऐसे युवा होते हैं जिनके पास कोई बैकग्राउण्ड नहीं होता है और वह कुछ नया करना चाहते हैं। इसलिए आवश्‍यक है कि बैंकों को पहल करके स्टार्टअप को प्रमोट करना चाहिए। यह हमारा नैतिक कर्तव्य भी होना चाहिए। बैंकों और एमपीसीसीआई की यह जिम्मेदारी है कि स्टार्टअप को प्रमोट किया जाए, ताकि ग्वालियर में नवीन उद्यम और कारोबार का विकास हो सके।

कार्यक्रम का संचालन मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्बारा तथा आभार कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया।

बैंकिंग फेयर के अंतर्गत व्यापार-उद्योग के विकास में बैंकों की भूमिका, समस्या एवं निदान विषय पर दोपहर 1 बजे से परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। इस परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. निशांत जोशी, डायरेक्टर, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, पंजाब नेशनल बैंक के सर्किल हेड-श्री सुनील पागे, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के क्षेत्रीय प्रबंधक-श्री अमरीक सिंह, आईडीबीआई बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक-श्री हेमंत मामोरिया, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया के सर्किल हेड-श्री चंदन के. वर्मा, नागरिक सहकारी बैंक के चैयरमेन-श्री विनोद सूरी एवं लक्ष्मीबाई महिला नागरिक सहकारी बैंक की चैयरमेन-श्रीमती अलका श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

परिचर्चा में पधारे हुए अतिथियों के सम्मान में स्वागत उद्बोधन देते हुए एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल ने कहा कि व्यापार-उद्योग का विकास एवं इसमें आ रही कठिनाईयों को दूर करना ही एमपीसीसीआई का उद्देश्‍य रहा है और यह कार्य 115 वर्षों से संस्था द्बारा सफलतापूर्वक किया जा रहा है। सभी बैंकिंग योजनाओं की जानकारी  एक ही छत के नीचे उपभोक्ताओं को मिले और बैंकों को भी उपभोक्ता एक ही स्थान पर मिलें। इसलिए यह फेयर आयोजित किया गया है। बैंक और ग्राहक के बीच जो व्यवहारिक परेशानियां आती हैं, उनको लेकर यह परिचर्चा आयोजित है।

इस अवसर पर परिचर्चा में लक्ष्मीबाई महिला नागरिक सहकारी बैंक की चैयरमेन-श्रीमती अलका श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी बैंक की स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी। पूरे मध्यप्रदेश में हमारी संस्था एनपीए के मामले में बेहतर है क्योंकि हमारा एनपीए हमेशा शून्य रहा है। यह बैंक महिलाओं के लिए समर्पित है और महिलाएं हमारी प्राथमिकता में हैं। 50 हजार रूपये तक का लोन हम बिना गारंटी के देते हैं। हमारा उद्देश्‍य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।

नागरिक सहकारी बैंक के चैयरमेन-श्री विनोद सूरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि नागरिक सहकारी बैंक की  शहर में 6 शाखायें हैं। शीघ्र ही हम तीन शाखायें-लक्ष्मीगंज, ट्रांसपोर्ट नगर एवं दीनदयाल नगर में खोलने जा रहे हैं। ग्राहकों के विश्‍वास के कारण हमारी बैंक ऊंचाई पर है। आरबीआई द्बारा हमें ‘ए` ग्रेड प्रदान किया गया है। हम सभी प्रकार के लोन के साथ गोल्ड लोन भी प्रदान करते हैं।

आईडीबीआई बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक-श्री हेमंत मामोरिया ने चेम्बर को इस फेयर के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि एक ही स्थान पर सभी बैंकों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का अवसर इससे प्राप्त हुआ है। यह सराहनीय प्रयास है और चेम्बर ऑफ कॉमर्स को इसके लिए शुभकामनायें। आईडीबीआई द्बारा शीघ्र ही क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना ग्वालियर में की जा रही है।

सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के क्षेत्रीय प्रमुख-श्री अमरीक सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया क्षेत्र में लीड बैंक के रूप में कार्य कर रहा है। चेम्बर को धन्यवाद इस अवसर पर को उपलब्ध कराने के लिए। इस फेयर से हम और व्यापार-उद्योग दोनेों ही लाभांवित होंगे। आपने कहा कि बैंकों की ब्याज दर इण्डस्ट्री के उत्पाद को प्रभावित करती है। इसलिए यह फेयर लाभकारी होगा। हमें ग्वालियर अंचल में उद्योगों को बढावा देना है ताकि क्षेत्र का विकास हो सके।

यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया के सर्किल हेड-श्री चंदन के वर्मा ने कहा कि व्यवसायी व उद्यमी जो भी प्रस्ताव बैंक के समक्ष प्रस्तुत करते हैं तो बैंक अपनी चैकलिस्ट के आधार पर उसे जांचते हैं और फिर उसे डिस्पोज किया जाता है। ग्वालियर में वन स्लॉट में पेपर सब्मिट नहीं करने से भी प्रकरणों में देरी होती है। इसलिए पहले आप बैंक से चैकलिस्ट प्राप्त कर लें, फिर अपने प्रपोजल सब्मिट करें तो तेजी से प्रस्तावों को स्वीकृत किया जा सकता है।

पंजाब नेशनल बैंक के सर्किल हेड-श्री सुनील पागे ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यापार-उद्योग के विकास के लिए यह बैंकिंग फेयर आयोजित किया गया है। यह पहला प्रयास है, इसके लिए एमपीसीसीआई को साधुवाद।  पंजाब नेशनल बैंक राष्ट्रीयकृत बैंक के रूप में विगत 127 वर्ष से कार्यरत है। 10 हजार बैंकिंग शाखायें हैं, जो कि समाज के कल्याण के लिए हैं। अब बैंकों का कार्य केवल रकम को संरक्षित करना नहीं रह गया है, अब इनका कार्य क्षेत्र काफी व्यापक हो चुका है। नोटबंदी और कोविड-19 के बाद अब समय संभलने का है। हमारा फोकस एमएसएमई का विकास, कृषि और रिटेल क्षेत्र के विकास पर होना चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था को सुदृढ किया जा सके। बैंकों तक लोगों की पहुंच को यह फेयर पूरा कर रहा है। व्यापार-उद्योग और बैंक दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं दोनों को ही एक दूसरे की आवश्‍यकता है तभी वह विकास कर सकते हैं। आपने कहा कि बैंकों के एनपीए को दूर करने में आप जैसे संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और यदि आप अपनी भूमिका निभायेंगे तो लोगेों को बैंकिंग सुविधायें तेजी से प्राप्त होंगी।

मुख्य अतिथि डॉ. निशांत जोशी, डायरेक्टर, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च ने अपने उद्बोधन कहा कि चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्बारा बैंकिंग फेयर का आयोजन करना और एक मंच पर राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों  के सर्किल हेड को लाना ग्वालियर अंचल के लिए बड़ी बात है और चेम्बर का यह नोबल प्रयास है। आपने कहा कि एमएसएमई किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ होती है। हमारे देश में 7-8 प्रतिशत ही एमएसएमई का योगदान है जबकि यह 15 प्रतिशत तक होना चाहिए इसमें 50 फीसदी ग्रोथ की संभावना है। बैंकिंग फेयर इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन कर सकते हैं। आपने चेम्बर ऑॅफ कॉमर्स को सुझाव दिया कि एमएसएमई और बैंक के बीच सेतु के लिए चेम्बर ऑफ कॉमर्स को हेल्प डेस्क प्रारंभ करना चाहिए, जिसमें वह अपने इंस्टीट्यूटी की ओर से वालेंटियर्स उपलब्ध कराने को तैयार हैं। साथ ही, बैंक और ग्राहकों के बीच विवादों के समाधान हेतु भी चेम्बर को आर्बिटेशन सेंटर गठित करना चाहिए ताकि बैंकों का एनपीए कम हो सके और ग्राहकों के विवादों का भी समाधान हो सके। इससे हम तेजी से अपने क्षेत्र में निवेश और विकास की संभावनाओं को गति दे सकते हैं।

परिचर्चा के दौरान श्री राजेश बांदिल ‘मनीष`, डॉ. विनोद कुमार जैन, संजय अग्रवाल, अजय चोपड़ा आदि के द्बारा बैंकिंग संबंधी परेशानियों की ओर बैंकर्स का ध्यान आकर्षित कराया।

परिचर्चा का संचालन मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल एवं आभार उपाध्यक्ष पारस जैन द्बारा व्यक्त किया गया। परिचर्चा में संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल एवं मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल मंचासीन थे। कार्यक्रम के समापन पर सभी बैंकों के स्टॉल पर पहुंचकर मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्बारा आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम की सफलता एवं स्मृति हेतु स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में व्यापारी-उद्योगपतियों ने शिरकत की। 

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