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"Black Ribbon Initiative" "संकल्प" अभियान के तहत 516 वीं कार्यशाला संपन्न.

ग्वालियर:-


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. वरूण कपूर द्वारा "Black Ribbon Initiative” के तहत सायबर जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है । इस लोकप्रिय अभियान की 516 वीं कार्यशाला का आयोजन आई.टी.एम. युनिवर्सिटी, ग्वालियर के ऑडिटोरियम में किया गया जिसमें 346 छात्र-छात्राओं व फेकल्टी ने भाग लिया व सायबर सुरक्षा के मूलमंत्रों की जानकारी प्राप्त की।



कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. वरूण कपूर, अमनि द्वारा सायबर अपराध बढ़ने के कारणों को विस्तृत रूप से समझाया गया । सायबर अपराध बढ़ने का कारण सुरक्षा के मापदंड नहीं अपनाना, नियमों की जानकारी न होना एवं असली दुनिया के मापदंड वर्चुअल वर्ल्ड में अपनाना ही सायबर अपराध बढ़ने का मुख्य कारण है । यह युग इंफार्मेशन का युग है, जिसके पास जितनी ज्यादा इंफार्मेशन होगी वह उतना ही सशक्त होगा । आजकल अपराधी भी हमारी सोशल मीडिया पर शेअर की गई जानकारी का उपयोग कर सायबर अपराध को अंजाम दे रहे है फेसबुक स्टॉकिंग एवं फेक प्रोफाईलिंग के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए बताया गया कि आजकल फेसबुक स्टॉकिंग से अपराध ज्यादा बढ़ गये है इसलिये फेसबुक पर उन्हें ही दोस्त बनावें जिन्हें आप वास्तविक दुनिया में जानते हो । कभी भी इस प्रतिस्पर्धा में न रहे कि फेसबुक पर किसके ज्यादा दोस्त है। फेसबुक पर अपनी कम से कम जानकारी शेअर करें, ऐसा कर आप फेसबुक स्टॉकिंग से बच सकते है। 


साथ ही फेक प्रोफाईल के बारे में जानकारी देते हुए यह बताया कि आजकल फेक प्रोफाईल के द्वारा भी अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। इसको केस स्टडी के माध्यम से उपस्थित छात्र-छात्राओं को विस्तृत रूप से समझाया गया व बताया गया कि फेसबुक पर कभी भी अपना फोन नंबर, पता न बतावें व स्टेटस अपडेट टाईम व स्थान की जानकारी न दे व प्रायवेसी सेटिंग का ध्यान रखें। इसे विस्तृत रूप से समझाते हुए आगे बताया कि इंदौर के एक प्रकरण की जानकारी दी व बताया कि इंदौर की एक छात्रा को धोखे से छात्रा बनकर दोस्त बनाया व बाद में जानकारी दे दी की मैं एक छात्र हूं उसके बाद भी उस छात्रा ने गलती की कि उसने उक्त छात्र से फेसबुक पर संपर्क जारी रखा । फिर बात बंद कर दी इससे नाराज होकर उस छात्र ने उसका पता ज्ञात कर उसकी हत्या कर दी। इस प्रकरण में उस छात्र को आजीवन कारावास की सजा हुई है । इसके अतिरिक्त निम्न बातों की जानकारी भी जागरूकता के लिये दी गई। -

 सायबर बुलिंग, एटीएम स्केमिंग, डिजिटल फुटप्रिंट, फिशिंग अटैक, मार्फिंग, जिओ टेगिंग, सायबर स्टॉकिंग आदि के बारे में भी अवगत कराया गया। • एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार भारत में सायबर अपराध 85 प्रतिशत बढ़ गया है।

इस काल्पनिक दुनिया में सायबर के शिकार होने से कैसे बचा जाए और इस विधा का उपयोग कर अनजाने में न तो हमसे अपराध हो और न ही पीड़ित हो सकें, इसकी भी विस्तृत जानकारी दी गई।

 इसके अतिरिक्त्त आई. टी. एक्ट की जानकारी भी दी गई।


इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी डॉ. वरूण कपूर द्वारा सहजता से देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया गया । इस अवसर पर विशेष रूचि लेने वाले छात्र-छात्राओं में से अंकिता एवं प्रतिष्ठा को अमनि द्वारा प्रमाण-पत्र व गोल्डन बैज देकर प्रोत्साहित किया गया ।


कार्यशाला समापन पर संस्था की ओर से डीन श्री रणजीत सिंह व रजिस्ट्रार ओमवीर सिंह ने डॉ. वरूण कपूर को प्रशस्ति पत्र स्मृति चिन्ह प्रदान कर कार्यक्रम का समापन किया ।

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