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दिन के समय काटता है डेंगू व चिकनगुनिया का मच्छर

 


मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिये मच्छरों को न पनपने दें 


ग्वालियर 01 अप्रैल 2021

 डेंगू एवं चिकनगुनिया फैलाने वाले एडीज मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। दिन के समय इन मच्छरों के काटने से डेंगू और चिकुनगुनिया फैलता है। इसलिये अपने घर में और आस-पास साफ-सफाई रखें। साथ ही पानी जमा न होने दें। कूलर एवं पानी की टंकियों को सप्ताह में एक बार खाली कर अच्छी तरह सुखाना चाहिए। साथ ही इसके बाद पानी की टंकी का ढक्कन बंद कर उसे उपयोग में लें। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने मच्छर जनित बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण एवं वर्ष 2030 तक भारत को मलेरिया मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने के लिये सभी विभागों के अधिकारियों को इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। ज्ञात हो सम्पूर्ण प्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर जिले में भी मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण के लिये एम्बेड परियोजना संचालित है। 

इसी तरह मच्छरों को पनपने से रोकने के लिये गमलों के नीचे रखे बर्तनों के पानी को निरंतर सुखाते रहें। पुराने टायरों व बर्तनों इत्यादि में पानी जमा न होने दें। घर के दरवाजों व खिड़कियों पर मच्छर जाली लगवाना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। मच्छरों से बचाव के लिये क्रीम, स्प्रे या अगरबत्ती का उपयोग भी किया जा सकता है। इन सावधानियों व उपायों के साथ-साथ समय पर जाँच उपचार एवं सावधानियाँ बरतने से डेंगू, चिकुनगुनिया एवं मलेरिया से बचा जा सकता है। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिये जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ तेल डाला जा सकता है। साथ ही मच्छरों को भगाने के लिये नीम की पत्ती का धुँआ भी कारगर उपाय है। 

डेंगू के लक्षण – तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, माँसपेशियों, मसूड़ों व नाक से खून बहना तथा शरीर पर लाल चकत्ते होना डेंगू के लक्षण हैं। 

चिकनगुनिया के लक्षण – तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ों में असामान्य दर्द और लाल चकत्ते चिकनगुनिया के प्रमुख लक्षण हैं। 

डेंगू व चिकनगुनिया के इस प्रकार के लक्षण पाए जाने पर शासकीय चिकित्सालयों में पहुँचकर अपना इलाज कराएँ। अस्पतालों में खून की नि:शुल्क जाँच की जाती है। साथ ही दवायें भी नि:शुल्क उपलब्ध रहती हैं। डेंगू रेपिड कार्ड की एलायजा आधारित जाँच की प्रमाणिकता संदेहास्पद रहती है। इसलिये ग्वालियर जिले में जिला चिकित्सालय एवं जीआरएमसी के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की जाँचें प्रमाणिक मानी जाती हैं। 

मलेरिया के लक्षण – सर्दी व कपकपी के साथ बुखार व पसीना, उल्टियाँ होना, तिल्ली में सूजन व सिरदर्द होना, बुखार उतरने के बाद थकावट महसूस होना और खून की कमी होना । किसी भी तरह का बुखार मलेरिया हो सकता है। इसलिये बुखार आने पर तुरंत खून की जांच कराना चाहिए। चिकित्सकों की सलाह से दवा की पूरी खुराक लें और दूध के साथ मलेरिया की दवायें लेना बेहतर रहता है।

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