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निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही झुकी पुल की दीवार

पचावली में सिंध नदी पर बना 130 साल पुराना पुल धराशाही, तीन बहे, एक लापता

पुल टूटने से सैकड़ों गांवों से सम्पर्क टूटा 

राहुल जैन रुद्र शिवपुरी



सिंध नदी पर बना हुआ पुल जो काफी दिनों से जीर्ण शीर्ण हालात में था, वह मंगलवार की शाम अचानाक तेज आवाज के साथ ढह गया। उस समय पुल पर आवागमन कम था और हादसे में पुल पर खड़े तीन लोग बह गए। जिनमें से दो लोग तैरकर बाहर आ गए। पुल टूटने से सैकड़ों गांवों का सम्पर्क टूट गया है। हर चुनाव में विभिन्न उम्मीदवार पुल बनाने का दावा करते थे। लेकिन आज तक यह पुल नहीं बन पाया। जिसके कारण मंगलवार को यह हादसा हो गया। यह तो अच्छा हुआ कि पुल दिन में नहीं टूटा अन्यथा बहुत बड़ी जनहानि आशंकित थी। 


घटना के बाद शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और उनसे पत्रकारों ने खराब पुल टूटने की जिम्मेदारी के संबंध में सवाल किया तो कलेक्टर का जबाव था कि अभी तो लापता व्यक्ति को पता लगाने का सवाल है।  पचावली पुल से रन्नौद, खतोरा के अलावा अशोकनगर, ईसागढ़ के लिए हर रोज सैकड़ों वाहन गुजरते थे। हालांकि प्रशासन ने वाहनों के आवागमन को रोकने का दावा किया था। लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या  में पैदल और दो पहिया वाहन वाले इस क्षतिग्रस्त पुल से गुजरते थे।

 रक्षाबंधन त्यौहार और हाट बाजार होने के कारण दिन में पुल पर बहुत आवागमन था। परंतु जिस समय पुल ढहा उस समय सौभाग्य से पुल पर से वाहन नहीं गुजर रहे थे। पुल ढहने से तीन ग्रामीण पानी में गिर गए। लेकिन पानी का बहाव तेज न होने के कारण दो तैरकर बाहर आ गए। परंतु एक अभी भी लापता है। लापता व्यक्ति का नाम प्रभूराम आदिवासी निवासी पचावली है। और वह खाट बनाने का काम करता है। प्रशासन ने देर रात पुल के आस पास पुलिस तैनात कर दी है। ताकि वहां कोई न जा सके। पुल के ढहने के कारण अशोकनगर, खतोरा, ईसागढ़ व आस पास के गांव में जाने वाले लोगों को बदरवास से एजवारा होते हुए जाना पड़ेगा। इससे करीब 20 किमी उनका सफर बढ़ जाएगा। वहीं रन्नौद क्षेत्र से जाने वाले लोगों को कोलारस से भडोता होते हुए जाना पड़ेगा।


*सिंध नदी पर बने नए पुल को चालू कराने की मांग*

 

पचावली के निवासियों ने पुराना पुल टूट जाने के बाद सिंध नदी पर बने नए पुुल का चालू कराने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल टूट जाने के कारण आवागमन के लिए आमजन को संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में कुछ विशेष एतिहात के साथ नए पुल को चालू किया जा सकता है। इसके लिए दोनों साईडों पर नदी के इधर और उधर एक तरफ कुल्हाड़ी ग्राम से लाल मुरम लाकर डाली जा सकती है। इस संबंध में ग्रामीणों ने प्रभारी मंत्री से उचित कार्रवाई की अपेक्षा की है।


*निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही झुकी पुल की दीवार*


सिंध नदी पर निर्मित हो रहे पुल के निर्माण कार्य को शुरू हुए लगभग 4 वर्ष हो गए परंतु आज तक इस नवनिर्मित पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है पूर्व ठेकेदार द्वारा  अधूरे पुल का निर्माण कर कार्य बीच में ही छोड़ दिया उसके बाद क्षेत्रीय जनता की लगातार मांग और और क्षेत्रीय विधायक के प्रयासों के बाद पुल का निर्माण कार्य पुनः शुरू किया गया परंतु निर्माण कार्य को बहुत ही निम्न स्तर से किया जा रहा है। पुल दोनों ओर जोड़ने वाली साइटों का निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा पचावली गांव में आवागमन के लिए बनाए गए अंडर ब्रिज और सड़क के लिए बनाई गई दीवार के बीच सरिया नहीं डाला गया जिससे सड़क के लिए बनाई गई दीवार बाहर की ओर झुक गई है। और सड़क निर्माण के लिए इन दीवारों के बीच अभी भराव भी पूर्ण नही हुआ है,व निर्माण कार्य अधूरा है और इन दीवारों के बीच में पर्याप्त मात्रा में मिट्टी आदि सामग्री नहीं भरी गई है उसके बावजूद सड़क बनाने के लिए बनाई गई दीवार बाहर की ओर झुक गई है। पुल की दोनों ओर का सड़क निर्माण पूर्ण होने पर ये दीवारें  कैसे भारी वाहनों का वजन झेल पाएंगी।

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