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तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस: 'शरिया के अनुसार होंगे महिलाओं के हक़

 रुद्र जैन (शिवपुरी):-




अफ़ग़ानिस्तान पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने के बाद तालिबान का पहला संवाददाता सम्मेलन मंगलवार को काबुल में आयोजित हुआ.


कैमरों के सामने पहली बार आए तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, "20 साल के संघर्ष के बाद हमने देश को आज़ाद कर लिया है और विदेशियों को देश से बाहर निकाल दिया है."


उन्होंने इसे पूरे देश के लिए गौरव का पल बताया है.


जबीहुल्लाह मुज़ाहिद कहते हैं, "हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसी को नुक़सान नहीं होने देंगे."


तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, "हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ कोई उलझन नहीं चाहते हैं. हमें हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काम करने का अधिकार है. दूसरे देशों के अलग-अलग दृष्टिकोण, नियम और कानून हैं. हमारे मूल्यों के अनुसार, अफ़ग़ानों को अपने नियम और कानून तय करने का अधिकार है."


मुज़ाहिद ने कहा, "हम शरिया व्यवस्था के तहत महिलाओं के हक़ तय करने को प्रतिबद्ध हैं. महिलाएं हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रही हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा."


तालिबान के प्रवक्ता ने इस मौके पर कहा, "हम यह तय करेंगे कि अफ़ग़ानिस्तान अब संघर्ष का मैदान नहीं रह गया है. हमने उन सभी को माफ़ कर दिया है, जिन्होंने हमारे ख़िलाफ़ लड़ाइयां लड़ी. अब हमारी दुश्मनी ख़त्म हो गई है."


जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, "हम अब बाहर या देश के भीतर कोई दुश्मन नहीं चाहते हैं. अब हम काबुल में अराजकता देखना नहीं चाहते."


तालिबान के प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इसके प्रवक्ता जबीहुल्ला मुज़ाहिद ने कहा, "अपने सांस्कृतिक ढांचे के भीतर हम मीडिया के प्रति प्रतिबद्ध हैं.''


विदेशी सुरक्षा बलों के साथ काम करने वाले ठेकेदारों और अनुवादकों के बारे में सवाल पूछे जाने पर जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, "हम किसी के साथ बदला लेने नहीं जा रहे हैं."


तालिबान के प्रवक्ता ने बताया, "हमने अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता या शांति पाने के लिए सभी को माफ़ कर दिया है."


मुज़ाहिद ने कहा, "जिन अफ़ग़ानों की जान दुश्मन सेना के लिए लड़ने के चलते चली गई, ये उनकी अपनी गलती थी. हमने तो कुछ ही दिनों में पूरे देश को जीत लिया."

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