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नन्हे-मुन्ने बच्चे बने राधा-कृष्ण: सज धज कर मन मोहा

हरदा से अनिल मल्हारे की रिपोर्ट

हरदा :-




 कान्हा का मनमोहक स्वरूप और राधा की मनमोहिनी छवि हर किसी को लुभाती है।भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव यानी जन्माष्टमी पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मन्दिरों में बालगोपाल को पालने में झूलाकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई गई। लोगो ने विधि विधान से घर में पूजा अर्चना कि इसके साथ ही मंदिरों और घरों में विशेष साझ सज्जा कर तैयारियां की गई हैं। पंजरी मक्खन का भोग लगाया गया । इसके साथ ही बच्चों की टोली राधा कृष्ण के स्वरूप में सजी नजर आई है। जन्माष्टमी पर्व पर बच्चों में विशेष उत्साह देखने को मिला । भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप और राधा के स्वरूप में सजाया गया है । घर-घर में भगवान श्री कृष्ण और राधा के दर्शन हो रहे हैं। माता- पिता भी अपने बच्चों का यह अनुपम स्वरूप देखकर खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण का जन्म किसी असुरी शक्ति के विनाश के लिए नहीं बल्कि इंसान के अंदर बैठे असुर को नष्ट करने के लिए हुआ था। भगवान कृष्ण का सानिध्य मन से नकारात्मकता, छल- कपट, प्रपंच, मोह- माया, लालच जैसे दुर्गुणों को दूर कर देता है और एक नन्हे बालक की तरह मन को पवित्र बना देता है। यही कृष्ण भगवान की सबसे बड़ी महिमा है और इसी महिमा की झलक इन बच्चों के मनभावन स्वरूप में नजर आ रही है। हम शुरू से सुनते आ रहे हैं कि भगवान कृष्ण की लीला अपरंपार है। भगवान की अपरंपार लीला के दर्शन बाल  चंचल भावनाओं से होते हैं। जिस तरह भगवान कृष्ण लीलाएं रचने में माहिर थे। बच्चे भी कुछ ऐसे ही होते हैं। इसीलिए नन्हे नन्हे बच्चों में लोग बालकृष्ण का स्वरूप देखते हैं। जन्माष्टमी का पर्व हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह द्वापर युग से चली आ रही एक परंपरा है। यह परंपरा में हमें हमारे आराध्य भगवान श्रीकृष्ण से जोड़ती है। साथ ही यह प्रेरणा देती है कि हम बच्चे- बच्चे में भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप देखें। कृष्ण और राधा के स्वरूप में सजे बच्चों को देखकर उनके चेहरे के भावों को महसूस करें। उनकी मनमोहक मुस्कान में खुद-ब-खुद नटखट लीलाधर के दर्शन होते है ।


*कृष्ण जन्माष्टमी पर तैयार हुए बच्चे*


1 केनू चोरे पांच माह का नन्हा श्री कृष्ण भगवान बने सज धज कर हाथो में मुरलिया मुह में लगाकर बजा रहे है  ( ग्राम पोखरनी )


2 नटखट भावेश ओनकर ( छीपाबड़ ) मात्र तीन माह 

का नन्हा सा बच्चा श्री कृष्ण भगवान बने हुए है माता पिता ने तैयार किया है हाथ मे मुरलिया बगल में मखन की मटकी रखी हुई है परिवार का मन मोह लिया है 


3 अनिका नन्ही परी ( धौलपुर कलां ) सात माह की जन्माष्टमी पर माता पिता ने तैयार किया है।


4 मिस्टी परी लोमारे नटखट आठ माह कि जन्माष्टमी पर सज धज कर तैयार हुई है माथे पर मोर मुकुट लगाए हुए है खिलखिलाकर हँसते हुए भगवान श्री कृष्ण के जैसे नठखट है


5 सुनैना,धनंजय वर्मा ( रहटगांव ) सात एंव आठ वर्ष राधा कृष्ण बने हुए है 


6 रेयांश भैसारे ( छीपाबड़ )मात्र चार माह का नन्हा सा बालक माथे पर मोर मुकुट लगाए हुए हाथो में मुरली है मन को मोहित करते हुए ।


8 भूमिका बिटिया ( धौलपुर कलां ) तीन वर्ष की खूबसूरत कृष्ण भगवान बनी हुई है 


9 प्रियांशी बिल्लोरे नन्ही सी परी  ( हरदा ) ग्यारह माह की जन्माष्टमी पर घर मे सज कर तैयार हुई है परिवार वालो का मन मोहित कर लिया है


10 दिव्यानि ( हंडिया )

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