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पंचकल्याणक में माता की गोद भराई, नवीन प्रतिमाओं की शुद्धि, महाराजा नाभिराय का राज दरबार सज्जा।

पंचकल्याणक महोत्सव में माता की गोद भराई में झूमे श्रद्धालु, सौभाग्यवती महिलाओ ने प्रतिमाओ की शुद्धि

ऊर्जा मंत्री ने मुनिराजों से लिया आशीर्वाद, समिति ने किया सम्मान।

ग्वालियर:-


आयोध्य नगरी फूलबाग मैदान में चल रहे पंचकल्याणक महोत्सव के तीसरे आज रविवार को गर्भ कल्याणक के उत्तर रूप की क्रियाएं हुईं। इसमें राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज, मुनिश्री विजयेश सागर महाराज, विनिबोध सागर व ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज के सानिध्य में माता की गोद भराई, नवीन प्रतिमाओं की आकार शुद्धि और महाराजा नाभिराय का राज दरबार आकर्षण के मुख्य केंद्र रहे। अयोध्या नगरी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में पंचकल्याणक के विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न हुए


मुनिश्री विजयेश सागर का अवतरण दिवस मनाया, मुनिश्री व मंत्री पदाप्रच्छलन किए

आयोजन के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ससंघ कस चरणों श्रीफल भेंटकर व दीप प्रज्वलित कर आशीर्वाद लिया। वही मुनिश्री विजयेश सागर महाराज का जन्म अवतरण पर मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज के पदाप्रच्छलन मुनिश्री विजयेश सागर व ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने सामूहिक रूप से किया। ऊर्जा मंत्री का सम्मान आयोजन समिति डॉ वीरेंद्र गंगवाल, श्यामलाल विजवर्गी, अजीत वरैया, संयुक्त अध्यक्ष विकास गंगवाल, महामंत्री पवन जैन पत्रकार, स्वागत अध्यक्ष विमल जैन, मुख्यसंयोजक बालचंद जैन, दिनेश जैन नेता, विनय कासलीवाल, वीरेंद्र जैन, पंकज जैन आदि ने स्मृति चिन्ह देकर किया। मंत्री जी ने कहा संत महाराज का उद्देश्य राष्ट्र और समाज का उद्देश्य ही इनके जीवन का उद्देश्य है, इनका सही साकार अगर अपने जीवन में उतारना है तो हमें अपने आप को परिवर्तन करना होगा।


दुनिया में वही पुजे जायेंगे जो ब्रान्डेड होगा-मुनिश्री

मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि दुनिया में दो प्रकार की वस्तुये पाई जाती हैं असली और नकली। ब्रान्डेड हर कोई नही ले पाता, सस्ते के चक्कर में व्यक्ति ब्रान्डेड छोड़ देता है, क्यो क्योकि दुनिया में वही पूजे जायेगे जो ब्रान्डेड हो। क्योकि हर जगह ब्रान्डेड की ही वेल्यू हैं। घर में चार भाई है तो एक कमाने बाला ब्रान्डेड होतो ब्रान्डेड की ही पूजा होती हैं अतः व्यक्ति को संस्कार अपने अंदर प्रतिभा अपने अंदर पैदा करनी होगी। इसलिए अपने बच्चो को प्रतिभावना बनाओ संस्कार बनाओ।


माता की गोद भराई में झूमे श्रद्धालु, सौभाग्यवती महिलाओ ने प्रतिमाओ की शुद्धि की

आयोजन के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि जब अयोध्या नगरी के लोगों को खबर मिली कि माता के गर्भ में तीर्थंकर बालक का आगमन हुआ है तो पूरी अयोध्या में खुशी छा गई। इसके बाद महिला संगीत के साथ इंद्रा-इद्राणियो एवं समाजनो ने मेवा, फल, मिठाई आदि से भगवान की माता मरूदेवी की गोद भराई की गई। इसके बाद अखंड सौभाग्यवती महिलाओं व अष्ट्र कुमारियों ने प्रतिष्ठित होने आईं प्रतिमाओं की हल्दी, केशर, सर्वोषधि लेपों से शुद्धि विधी संस्कार किया। रात में आयोध्य नगरी फूलबाग में महाराजा नाभिराय का दरबार सजाया गया। वहां आकर महाराजा ने माता द्वारा देखे गए 16 स्वप्नों का फल बताया। इसके बाद छप्पन कुमारियों ने झूमते-गाते हुए माता मरुदेवी की सेवा के साथ उपहार भेंट कर उनसे कुछ प्रश्न किए।


मुनिश्री के सानिध्य में सौधर्म इंद्र ने भगवान जिनेद्र का अभिषेक किया

पंच कल्याणक महोत्सव में मुनिश्री के सानिध्य में सौधर्म सहित इंद्रो ने भगवान जिनेद्र का अभिषेक जयघोष के साथ किया। मुनिश्री विहर्ष सागर ने अपने मुख्यविंद से मंत्रउच्चरण से शांतिधारा भगवान दास अतुल जैन परिवार ने की। इसके बाद प्रतिष्ठाचार्य पंडित अजित कुमार शास्त्री, सह प्रतिष्ठाचार्य पंडित अरविंद जैन दिल्ली, सुनिला भड़ारी, शशिकांत शास्त्री, ज्योतिचार्य हुकुमचंद्र जैन व सम्मेद उपाध्याय कर्नाटक मार्ग दर्शन में इंद्रा-इंदाणियों ने यागमंडल आराधना, गर्भ कल्याणक की पूजन की गई।


आज निकलेगी भव्याति भव्य जन्मकल्याणक शोभायात्रा, पांडुकशिला पर बालक होगा अभिषेक

आयोजन के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि जन्मकल्याणक महोत्सव के सुअवसर पर कल दिनांक 21 फरवरी 2022 कोप्रातः 7 बालक का जन्म दरबार मे खुशी बधाई होगी! प्रातः 10ः00 बजे से भव्य जन्मकल्याणक महोत्सव शोभायात्रा अयोध्या नगरी फूलबाग से नदीगेट, जयेन्द्रगंज, इंदरगंज चैराहा, पाटनकर चौहरे से फालका बाजार, छप्परवाला पुल, शिंदे की छावनी, फूलबाग होते हुए गोपाचल पर्वत पहुंचेगी। जहां पर दोपहर 3ः00 बजे से पांडुकशिला पर तीर्थंकर बालक 1008 जन्माभिषेक होंगे। यह अभिषेक इंद्र-इंद्राणियों के साथ अन्य श्रद्धालुओं के अलावा महिलाएं भी कर सकेंगी। उदयपुर के बैंड के साथ स्थानिय बेंड पार्टियां, तीन ऐरावत हाथी, घोड़े, सुसज्जित चौबीस बग्गियां, डी. जे. ड्रेस कोड पुरूष वर्ग-सफेद वस्त्र महिला वर्ग-केशरिया साड़ी पहनकार सम्मालित होगी।



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