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मतदान के बाद सभी प्रत्याशी गले मिले..कोई भी मारे बाजी.

शिक्षक मनोज त्रिपाठी ने की अभिनव पहल. 

करैरा:- सतीश श्रीवास्तव,मुंशी प्रेमचंद कालोनी करैरा


नगर पंचायत करैरा के वार्ड क्रमांक 7 में एक इतिहास रचा गया है,  इस वार्ड में राजीव सिकरवार, नन्हे खान, संजीव झा, फरीद उर्फ राजा भैया, अवधेश तिवारी और राजेश खटीक प्रत्याशी थे..सभी प्रत्याशी सज्जन थे कभी कोई आपसी टकराव की स्थित नहीं बनी..सभी प्रत्याशियों ने अपने अपने हित में मतदान करने के लिए खूब प्रचार प्रसार किया खूब भागदौड़ की किंतु मतदान बड़ी ही शांति पूर्ण ढंग से हुआ....इसमें  वहाँ के मतदान दल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है साथ ही मतदान केंद्र पर वी एल ओ शिक्षक श्री मनोज त्रिपाठी की भूमिका निश्चित रूप से सराहनीय रही है उन्होंने सभी प्रत्याशियों को पूरे दिन मतदान के दौरान भेदभाव भुलाकर एक रहने का संदेश दिया.



जो प्रत्याशी आते उनसे एक ही बात करते कि जीत और हार के बीच यदि हमारे बीच से प्रेम और सदभावना का व्यवहार विलुप्त हो गया तो हमारे समाज में निश्चित रूप से विघटन की स्थिति निर्मित होती है तो क्यों न तुम सब लोग इस निर्वाचन के आज को एक उत्सव की भांति एंजोय करो ,और सभी ने तो विकास और सुखदुख में साथ देने का वादा अपनी देवतुल्य जनता को दिया है तो क्यों न तुम सब मिलकर इस काम को आगे बढाने में सहभागी बनो देखना इतिहास इस अद्भुत पल को एतिहासिक बना देगा.

सचमुच एक अच्छा और प्रभावशाली अध्यापक वही है जो अपने विद्यार्थियों, विद्यालय, समाज, जनप्रतिनिधियों तथा अन्य के सामने किसी भी गलत बात के लिए झुकता नहीं हो वल्कि सुधारात्मक विंदुओं के साथ अपनी बात पूरे मनोयोग से रखता हो । 

निश्चित रूप से जो अध्यापक अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति सचेत रहता है वही अपने आत्मसम्मान की रक्षा कर पाता है और समाज में यथोचित सम्मान भी पाता है ।

एक अच्छे शिक्षक की जिम्मेदारी होती है राष्ट्र चरित्र का निर्माण करने हेतु बच्चों में अच्छे गुणों और शिक्षा को बढ़ावा दे साथ ही अपने आसपास समाज में हो रहे परिवर्तन का भी गहन अध्ययन अपनी सहज दिनचर्या के साथ करें और जहाँ जरूरत महसूस करें कि समाज हित में यदि कुछ सहजता और सरलता से किया जा सके तो अवश्य करें । 

स्कूल से ही देश का भविष्य निकलता है। इसलिए जरूरी है कि प्राथमिक स्कूल का शिक्षक खुद चरित्रवान हो ताकि उसे देखकर बच्चे उसे आदर्श मानने लगे। विद्यार्थियों के ऊपर उसकी एक अमिट छाप पड़नी चाहिए। स्कूल में बच्चे सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं भेजे जाते हैं वल्कि इसलिए भी भेजे जाते हैं कि उनका व्यक्तित्व निर्माण हो सके . 

श्री मनोज त्रिपाठी एक आदर्श शिक्षक हैं साथ ही समाज हित में बहुत सारे काम करते हैं आज करैरा में रक्तदान की यदि चर्चा हो तो मनोज त्रिपाठी के नाम से ही शुरू होती है.

वह जिस जगह रहते हैं अपनी एक अलग ही छाप छोड़ते हैं.

तभी तो मतदान के पश्चात सभी प्रत्याशी एकत्रित हुए और गले मिलते नजर आये, आज के इस माहौल में इस प्रकार के प्रयास बहुत ही जरूरी हैं... 

 

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