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अमृत सरोवरों से बदल रही है ग्रामीण अंचल की तस्वीर जिले में 51 सरोवर बनकर तैयार

ग्वालियर 25 नवम्बर 2022:-


बरसात का पानी सहजने के लिये बनवाये जा रहे अमृत सरोवर ग्वालियर जिले के ग्रामीण अंचल की तस्वीर बदल रहे हैं। अमृत सरोवरों से सिंचाई रकवे में बढोतरी के साथ-साथ जल संरक्षण व संवर्धन में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। साथ ही मछली पालन और सिंघाडे व सब्जी की खेती भी बढ़ी है। ग्रामीणों की पानी के निस्तार संबंधी जरूरतें भी ये तालाब पूरा कर रहे हैं। जिले में मौजूदा वित्तीय वर्ष में 100 अमृत सरोवर बनाये जा रहे हैं। इनमें से 51 सरोवर बनकर तैयार हो गए हैं। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अमृत सरोवरों के किनारे औषधीय, फलदार व घनी छाया देने वाले पौधे रोपकर सौंदर्यीकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।  


जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी ने बताया कि अमृत सरोवरों से जिले में सीधे तौर पर लगभग 912 हेक्टेयर रकवे की सिंचाई क्षमता बढ़ने का अनुमान है। वहीं अमृत सरोवर जल संवर्धन में भी महती भूमिका निभा रहे हैं। जल संवर्धन से किसानों के बोरवेल इत्यादि रिचार्ज हो गए हैं और अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग 725 हेक्टेयर रकवे की सिंचाई क्षमता बढ़ना संभावित है।  

अमृत सरोवरों का निर्माण महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, 15वां वित्त आयोग, एकीकृत जल प्रबंधन कार्यक्रम व जनसहयोग के संयोजन से कराया जा रहा है। जिले में इस वर्ष लगभग साढे 17 करोड रूपये की लागत से 100 अमृत सरोवर का काम हाथ में लिया गया है। इनमें से 60 सरोवर राजस्व विभाग की जमीन पर और 40 अमृत सरोवर वन विभाग की जमीन पर बनवाये जा रहे हैं। 


जिला पंचायत से प्रप्त जानकारी के मुताबिक विकास खण्ड मुरार में इस साल लगभग 4 करोड 15 लाख रूपये की लागत से 21 अमृत सरोवर मंजूर हुए थे, इनमें से 15 सरोवर बनकर तैयार हो गए हैं। इसी तरह विकासखण्ड घांटीगांव में लगभग 6 करोड 46 लाख रूपये की लागत से मंजूर हुए 35 सरोवरों मे से 15 सरोवरों का काम पूरा हो गया है। विकासखण्ड डबरा में करीबन 2 करोड 94 लाख की लागत से स्वीकृत 23 तालाबों में से 9 और विकासखण्ड भितरवार में लगभग 3 करोड 46 लाख रूपये की लागत से स्वीकृत हुए 24 सरोवरों में से 12 सरोवर बनकर तैयार हो गए हैं। इस साल की बारिस में ये सभी सरोवर वर्षा जल से लबालव भर गए। जाहिर है ग्रामीण अंचल में खुशियों की नई इबारत मूर्त रूप ले रही है। 


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