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मुख्यमंत्री ने किया वृहद पौधरोपण अभियान ‘‘अंकुर‘‘ का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने अंकुर अभियान से जुड़ने और अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण करने की अपील

हरदा से अनिल मल्हारे की रिपोर्ट

हरदा:-


 विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेशव्यापी वृहद पौधरोपण अभियान “अंकुर“ का शुभारंभ किया गया। उन्होंने पौधारोपण करने वाले व्यक्तियों से वर्चुअली संवाद भी किया। हरदा में कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में सांसद प्रतिनिधि श्री अमर सिंह मीणा, कलेक्टर श्री संजय गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री मनीष कुमार अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ श्री राम कुमार शर्मा, श्री अरविंद सारण सहित पौधारोपण करने वाले व्यक्ति उपस्थित रहे।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पौधरोपण करने वाले सुभाष मंच के श्री गौरीशंकर मुकाती से संवाद किया। श्री मुकाती ने बताया कि जब हम गांवों में जाते थे, तो हमें नदियों की हालत खराब दिखाई देती थी। कहीं से मिट्टी कट रही थी तो कहीं से कुछ और दिखाई देता है। उस समय मेरे मन में आया कि हमारी भू राजस्व संहिता में पहले से ही स्पष्ट किया गया है कि नदियों के किनारे से 10 मीटर दूरी तक कोई पेड़ न काटे जाएं और न ही खेती की जाए। लेकिन हरित क्रांति के कारण सारे किसान विचलित होकर नदियों के किनारे तक खेती करने लगे। जिससे मिट्टी कट करके नदियों में जाने लगी और नदियां उथली होने लगी और जो बाढ़ कभी नहीं आती थी, वह गांवों तक पहुंचने लगी। मुझे एक आदिवासी गांव से प्रेरणा मिली कि क्यों न हम नदियों को बचाने के लिए कार्य करें। तब से मैंने खंडवा जिले में स्थित रूपाली नदी पर यह कार्य प्रारंभ किया। लोग शुरुआत में मुझे पागल समझते थे कि लोग जमीन बना बना कर खेती करते हैं और यह जंगलों में कुए और ट्यूबवेल खुदवा रहे, पेड़ पौधे लगवा रहे हैं। किंतु मैं लगातार दो तीन साल वहाँ रहा। वहाँ के डीएफओ मुझसे प्रभावित हुए और वहाँ आने लगे। इस प्रकार लोग मुझसे जुड़ते गये। फिर हमने किसानों के जो बिगड़े हुए जंगल थे, उनमें कार्य प्रारंभ किया। आज यह स्थिति है कि रुपाली नदी के किनारे 400 एकड़ में घना जंगल है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष हम दो लाख 27 हजार वृक्ष लगाने वाले थे, किन्तु अतिवृष्टि के कारण केवल दो लाख 23 हजार वृक्ष ही लगा पाए। पिछले वर्ष की कमी को पूरा करते हुए इस वर्ष हम दो लाख 30 हजार वृक्ष लगा रहे है, जिसमें से एक लाख 67 हजार वृक्ष हरदा जिले में लगाये जायेंगे। हम इस कार्य को लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए अभियान में जुड़े सभी लोगों को धन्यवाद दिया। इस दौरान श्री मुकाती द्वारा चलाए जा रहे अभियान कहा वीडियो के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने संबोधन ने कहा कि प्रकृति का दोहन करना है शोषण नहीं। दोनों में बहुत अंतर है, प्रकृति से इतना ही लेना है कि जितना वो फिर से भरपाई कर ले। बचपन से हमे सिखाया गया है कि हम प्रकृति का सम्मान करें। हमें पर्यावरण संतुलित करना है तो पेड़ लगाने होंगे, नदियों को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि मैंने रोज एक पेड़ लगाने का निश्चय किया है। पौधा लगाते समय मैं महसूस करता हूँ कि मैं जीवन रोप रहा हूँ। पेड़ स्थाई ऑक्सीजन के प्लांट हैं। एक वृक्ष लाखों जीव जंतुओं को जीवन देता है। पेड़ हमें शांति का अनुभव देते हैं, हमें आने वाली पीढ़ी के लिये पेड़ लगाने होंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि वर्ष में एक पेड़ अवश्य लगाएं और उसका संरक्षण करें। जन्मदिन आदि शुभ अवसरों पर एक पेड़ लगा सकते हैं। पेड़ लगाकर स्मृति करने से अच्छा और क्या तरीका क्या हो सकता है। अंकुर कार्यक्रम हमने इसी उद्देश्य से शुरू किया है। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में अंकुर अभियान से जुड़ने और पौधे लगाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभागियों का जिले वार चयन कर वृक्ष वीरों और वीरांगनाओं को सम्मानित किया जाएगा। राज्य में अब बिल्डिंग परमिशन के साथ पेड़ पौधे लगाने की अनिवार्यता कर दी जाएगी। गाँव पंचायतों में भी घर बनवाते समय एक पेड़ अवश्य लगाया जाएगा।

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