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केंद्रीय मंत्री श्री तोमर की पहल पर मुरैना में फर्नीचर क्लस्टर की तैयारी

दिल्ली में मंत्री के समक्ष हुआ प्रेजेन्टेशन, म.प्र. के मंत्री श्री सखलेचा भी रहे मौजूद

जिले की अर्थव्यवस्था बेहतर हो सकेगी, बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा



मुरैना 23 जून 2021:-

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और क्षेत्रीय सांसद श्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर मुरैना में फर्नीचर क्लस्टर की स्थापना की तैयारी की जा रही है। इसी सिलसिले में नई दिल्ली में श्री तोमर के समक्ष संबंधित अधिकारियों ने प्रेजेन्टेशन दिया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा भी मौजूद थे। आज की बैठक व प्रेजेन्टेशन के दौरान फर्नीचर उद्योग से जुड़े निवेशकों उपस्थित थे, जिन्होंने इस पर संतोष जताया और वे निवेश के लिए उत्साहित नजर आए।

         मध्य प्रदेश शासन के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग इसी महीने के प्रारंभ में नए नियम जारी किए हैं, जिसके अंतर्गत क्लस्टर्स के लिए राज्य शासन द्वारा रियायती दर पर जमीन आवंटित की जाएगी। अपने संसदीय क्षेत्र मुरैना-श्योपुर के विकास के लिए प्रतिबद्ध सांसद व केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने इसी तारतम्य अधिकारियों से चर्चा कर प्रस्ताव दिया है कि मुरैना में फर्ऩीचर उद्योग विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं। श्री तोमर की पहल पर मुरैना के जिलाधिकारियों तथा राज्य सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के  अधिकारियों ने एक प्रेजेन्टेशन बनाया है, जिसे आज दिल्ली में मंत्री श्री तोमर व श्री सखलेचा के समक्ष बताया गया। प्रेजेन्टेशन में वर्ल्ड सिख चेम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष डा. परमीत सिंह चड्ढ़ा व सिख समुदाय के फर्ऩीचर क्रेता, साथ ही टिम्बर मर्चेंट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री घनश्याम कुशवाह तथा सदस्य और कीर्ति नगर से फर्ऩीचर व्यापारी मौजूद थे।

       मुरैना जिले में आरक्षित वन क्षेत्र 50,669 हेक्टेयर तथा संरक्षित वन 26,847 हेक्टेयर हैं, जो ज्यादातर सबलगढ़ व जौरा ब्लाक में है। जिले में मुख्यतः सागौन, शीशम, नीम, पीपल, बांस, साल, बबूल, हर्रा, पलाश, तेंदू के वृक्ष के वन है। इनमें से मुख्यतः शीशम, सागौन, साल की लकड़ियां भी फर्नीचर में उपयोग होती है, वहीं फर्नीचर में इस्तेमाल होने वाली लकड़ियों में देवदार व कठल भी हैं, जो मध्यप्रदेश में बहुतायत में पाई जाती है और फर्ऩीचर उद्योग के विकास में बहुत उपयोगी है। वर्तमान में मुरैना जिले में उत्पादित लकड़ियों का अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश व राजस्थान के फर्ऩीचर निर्माताओं द्वारा उपयोग में लाया जाता है। वर्तमान में फर्ऩीचर की काफी मांग है, लेकिन इसे बनाने वाले उद्योग व कारीगरों की कमी महसूस होती है।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर का कहना है कि मुरैना की लकड़ियों से जिले में ही फर्ऩीचर बनाया जाएगा तो यहां उद्योग विकसित होने के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, साथ ही जिले की अर्थव्यवस्था भी बेहतर हो सकेगी। मुरैना में फर्ऩीचर बनने से मध्यप्रदेश सहित आसपास के जिलों में इसका विक्रय हो सकेगा, जिससे सभी स्थानों के लोगों को काफी सहूलियत व फायदा होगा। 

बैठक में श्री सखलेचा ने कहा कि राज्य शासन की ओर से इस पहल पर पूरा सहयोग किया जाएगा, वहीं फर्नीचर उद्योग से जुड़े निवेशकों ने भी काफी उत्साह दिखाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद केंद्रीय श्री तोमर ने तत्परतापूर्वक इस दिशा में पहल की है। राज्य सरकार की नीतियां भी निवेश के लिए प्रोत्साहित करने वाली है। निवेशकों द्वारा इस संबंध में शीघ्र ही मुरैना का दौरा कर आगे की रूपरेखा तय की जाएगी। उन्होंने इस पहल के लिए श्री तोमर का आभार माना। बैठक में म.प्र. लघु उद्योग निगम के महाप्रबंधक श्री बी.एन. तिवारी, मुरैना के संयुक्त कलेक्टर श्री संजीव जैन सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


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