पुस्तक विमोचन , सम्मान समारोह कवि सम्मेलन सम्पन्न
कवियों ने किया कविता पाठ
शिवपुरी:-
करैरा,सीता सेन्ट्रल स्कूल करैरा के नवीन भवन में कालेज रोड पर मां शिवरानी स्मृति साहित्य और शिक्षा संस्था द्वारा श्री रमेश चन्द्र वाजपेयी मधुर की पुस्तक " अनुभूतियों के स्वर" का विमोचन समारोह , काव्य शिरोमणि सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया,आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री अरुण कुमार हिंगवासिया झांसी उपस्थित थे,कार्यक्रम की अध्यक्षता बुंदेली के प्रसिद्ध कवि श्री उमाशंकर खरे पृथ्वीपुर ने की ।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप डा. अरविंद श्रीवास्तव असीम दतिया,श्रीवास्तव, हास्य कवि उमाशंकर मनमौजी भोपाल,समाजसेवी भोगीलाल विलैया , समाजसेवी सुरेश बंधु, नई गजल के संपादक डा. महेंद्र अग्रवाल शिवपुरी, साकेत सुमन चतुर्वेदी झांसी, श्रीमती रमा शुक्ला झांसी, श्याम श्रीवास्तव सनम डबरा, राकेश सिंह आकाशवाणी शिवपुरीउपस्थित रहे।
अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती का पूजा किया गया ततपश्चात साहित्यकार रमेश चन्द्र वाजपेयी की पुस्तक विमोचन अनुभूतियों के स्वर का विमोचन तालियों की गड़गड़ाहट के बीच किया गया ।
उपस्थित साहित्यकारों को काव्य शिरोमणि सम्मान में शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
पुस्तक समीक्षा में करैरा के प्रसिद्ध साहित्यकार प्रभु दयाल शर्मा राष्ट्वादी ने करते हुए साहित्यकार रमेश चन्द्र वाजपेयी के रचना संसार पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि वाजपेयी की कविता में हमेशा नये विषय और अनुभव के नवीन प्रयोग देखने को मिलते हैं।
सभी अतिथियों ने अपने विचार रखे साथ ही अध्यक्षता कर रहे उमाशंकर खरे ने वाजपेयी के सृजन की प्रसंशा की ।
कवि सम्मेलन में माँ सरस्वती की वंदना प्रभु दयाल शर्मा ने प्रस्तुत की तथा डा राज गोस्वामी की बुंदेली रचना खूब सराही गई.
श्री घनश्याम योगी ने अपने गीत से सभी का मन मोह लिया,
"जौ है प्रेमचंद कौ गाँव
बरिया और पीपर की छांव।"
प्रमोद गुप्ता भारती ने बुंदेली कविता कक्का हेरत रह गए वाट..से एक नया मोड़ दिया,तथा वर्तमान परिस्थितियों पर करारा व्यंग किया
कवि सौरभ तिवारी ,डॉ ओमप्रकाश दुबे,रमेश वाजपेयी,सतीश श्रीवास्तव, उमाकांत शर्मा दतिया, मनीराम शर्मा दतिया, डा राज गोस्वामी, साकेत सुमन चतुर्वेदी, अरुण कुमार हिंगवासिया, उमाशंकर खरे, डा महेंद्र अग्रवाल, प्रमोद गुप्ता भारती,राकेश सिंह, श्रीमती रमा शुक्ला, कु. साक्षी परमार,
डॉ राजेंद्र गुप्ता ने पुस्तक पर चर्चा करते हुए अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
प्रभुदयाल शर्मा ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से माहौल को उत्कर्ष प्रदान किया ।
"वेमौसम ही कोहरा घना हो रहा
रोशनी धुंध में कहीं खो रही ..
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रमोद गुप्ता भारती ने किया तथा आभार प्रदर्शन रमेश वाजपेई ने किया ।
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