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बदमाश घर नहीं गांव व कस्बों को बना रहे अपना निषाना पुलिस नाकामी के सवालों में घिरी

अंधेरी रात ग्रामीणों के लिए बनी खौफनाक चैन खोकर कर रहे घरों की रखवाली



डबरा:-मदन झा

 जम्मू-कश्मीर की बर्फीली चट्टानें व उन बादियों में आतंकवाद का नाम अब तक सुना था लेकिन अब बदमाश चोर इन आतंकवादियों से अधिक घातक सिद्ध होते दिख रहे हैं आतंकवाद देश में आतंक फैलाता है और ये बदमाश लोगों के दिलों में भय का वातावरण पैदा कर उनकी रातों की नींद हराम कर उनके सुखमय जीवन में दुख का आतंक मचा रहे हैं। उक्त बदमाश अब घर नहीं गांव व कस्बों को अपना निशाना बनाकर सीधे ग्रामीणांे के घर व दुकानों के ताले चटकाकर तिजोरी व सामान चोरी करने में मस्त हैं ऐसे में स्थानीय पुलिस की कार्यवाही पर भी अब सवाल उठने लगे हैं लोगों की सुनी पर गौर करें तो उनका कहना है कि पुलिस है लेकिन सिर्फ नाम के लिए क्योंकि लगातार हो रही चोरी की वारदातों के बाद भी पुलिस सुश्त पड़ी हुई है और विगत दिनों की चोरियों का अब तक कोई भी सुराग नहीं लगा है। इस तरह पुलिस इन वारदातों के चलते नाकामी के सवालांे में घिरती नजर आ रही है।


      दरअसल, जिले के डबरा अनुभाग में बदमाश चोरों का भारी आतंक मचा हुआ है और अब ये बदमाश एक घर को नहीं बल्कि सीधे एक गांव को अपना निशाना बनाकर कई घरों के ताले चटकाकर अपना हाथ साफ कर ले गए हैं ऐसे कई ताजे मामले देहात पुलिस थाना क्षेत्र में घटित हुए है जहां रविवार-सोमवार की दरम्यिानी रात को अज्ञात बदमाशों ने ग्राम बरोठा को अपना निशाना बनाया और देर रात गांव के चार से पांच घरों में छत व तालों को काटकर लाखों का माल चोरी कर ले गए हैं लोगों की माने तो बदमाशों ने गांव के चार घर व दो दुकानों में ताले चटकाकर घरों से सोने-चांदी के आभूषण सहित लाखों की चोरी की है इससे कुछ दिन पूर्व भी पड़ोसी ग्राम चितावनी को भी रात के अंधेरे में बदमाशों ने अपना निशाना बनाकर छः घरों के ताले चटकाये थे और लाखों की चोरी की घटना को अंजाम दिया था।


 *विगत चोरियों का पटाक्षेप नहीं फिर बरोठा में घरों से लाखों की चोरी.....* 


  देहात थाना क्षेत्र के अंतर्गत पिछले महीने से अब लगभग दो से तीन गांवों में बदमाश चोरांे ने अपना हाथ साफ किया है बीते महीनें में ग्राम खड़वई में दो लाख की चोरी, ग्राम चितावनी में छः घरों से लाखों की चोरी और अब शनिवार-रविवार की रात को ग्राम बरोठा के चार घरों में चोरी की वारदातें घटित हुई हैं पुलिस सूचना पर मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल में जुट जाती हैं लेकिन अब तक एक भी चोरी की वारदातों का पटाक्षेप नहीं कर पाई और नाही बदमाशों के खिलाफ कोई ठोस सबूत जुटा पाई है।


 *गरीब की मेहनत की जमापूंजी एक झटके में साफ.....* 


दरअसल, चोरी की वारदातों से गरीब परिवार के माथे पर चिंता की लकीरों का आना स्वभाविक है क्योंकि वह गरीब बेचारा दिनभर मेहनत-मजदूरी कर अपनी जमापूंजी इकट्ठी कर अपने सपनों को माला की तरह पिरोह कर रखता है लेकिन ये बदमाश उनके पूरे सपनों को कुचलकर एक झटके में पूरी जमापंूजी को साफ कर ले जाता है ऐसे में उनकी सिर्फ आशा की एकमात्र किरण बचती है जो है पुलिस लेकिन पुलिस भी अपनी कार्यवाहियों में सुश्त पड़ी हुई है।


 *चोरी की वारदातें बड़ी फिर क्यूं पुलिस का नाइट गस्त थमा.....?* 


दरअसल, क्षेत्र में लगातार चोरियों की बड़ी वारदातों से सनसनी का माहौल है और बदमाश रात के समय में ही वारदातों को अंजाम देते हैं ऐसे में पुलिस की मोबाइल वैन व एफआरबी (100डायल) का नाइट गस्त क्यू थमा है यह एक बड़ा सवाल है अगर पुलिस की नाइट गस्त ठीक से हो तो शायद बदमाश को निकलना और वारदातों को अंजाम देना थम सकता है लेकिन पुलिस की ऐसी नरमी का फायदा उक्त बदमाश उठा रहे हैं।

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