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पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन टोडा गाँव में

करैरा:- 


विकास खण्ड करैरा के टोडा गाँव में कवि एवं उत्कृष्ट मंच संचालक शिवम यादव ने अपने दादा जी स्व. प्रेम नारायण यादव लल्ला, की दसवीं पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी भोगीलाल विलैया उपस्थित रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता शाकुंतलम पब्लिक स्कूल के संचालक बृजेश अग्रवाल द्वारा की गई,साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्वादी कवि प्रभुदयाल शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीश फौजी,रूपेन्द्र यादव रूपा भइया ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष,राजा भइया परिहार पर्यावरण प्रेमी, मुकेश शर्मा प्राचार्य सी एवं राइज स्कूल करैरा एव करैरा के समस्त साहित्यकार उपस्थित रहे.कार्यक्रम के आरंभ में उपस्थित अतिथियों और साहित्यकारों द्वारा माँ वीणापाणी का पूजन किया गया।दीप प्रज्वलित किया गया। तथा स्व. प्रेम नारायण यादव लल्ला के चित्र पर सभी आगंतुक महानुभावों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया.।

श्री बाबूलाल यादव रामायणी, गोपाल लला यादव, शिवम यादव और धर्मेन्द्र यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत और सम्मान करते हुए स्मृति चिन्ह सम्मान पत्र भेंट किये.कवि सम्मेलन की शुरूआत बरिष्ठ गीतकार श्री घनश्यामदास योगी जी के सुमधुर कंठ से सरस्वती वंदना के साथ हुई-

"ज्ञानदायिनी शारदे,वीणावादिनी मात." ।

कवि ब्रजेन्द्र चैरसिया 'सहज'ने रचना-

क्या स्मरण किया है तुमने उस सुखद संवाद के सरगम को।

हृदय के आह्लादित सपंदन और सांसों के हर समरस गुंजन को।

प्रस्तुत की ततपश्चात युवा कवि शिवम यादव की कविताओं को श्रोताओं ने खूब सराहना की.

तत्पश्चात कवितापाठ की अद्भुत शैली में साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश दुबेजी ने अपना जोरदार काव्यपाठ कर गोष्ठी को ऊँचाइयाँ प्रदान की-

"जिस देश में कबीर की वाणी हो   जिस  देश में विवेकानंद जैसा विवेक हो

देश में शबरी जैसा सब्र। हो

जिस देश में मीरा जैसी कृष्ण भक्ति हो

देश में गंगा जमुना सरस्वती हो

हम उस देश के वासी हैं हम उस देश के वासी हैं.... श्री रमेश चन्द्र वाजपेयी ने अपनी कविताओं से गोष्ठी को एक नया मोड़ दिया.

बरिष्ठ साहित्यकार एवम शिक्षाविद श्री प्रभुदयाल शर्मा 'राष्ट्रवादी' ने रचना -

चीन किसी का मीत नहीं है

उसे किसी से प्रीति नहीं है 

फेंकता वह कर्जे का जाल

 फंसे वह हो जाता बेहाल

जहर वह घोल रहा है

ये सैनिक बोल रहा है ।।

प्रस्तुत कर माहौल में ऊर्जा और जोश का संचार कर दिया। 

करैरा नगर के ऊर्जावान एवं ओजस्वी और एक साथ दस पुस्तकों के सृजन कर करैरा को मान देने वाले कवि श्री प्रमोद गुप्ता'भारती' की रचना पिता को खूब सराहना मिली... 

सूरज के उगने से पहले बिस्तर छोड़ें पापा

पल पल छिन छिन दौड़ भाग कर 

सपने जोड़ें पापा I

पिता के श्री चरणों में चारों धाम का पुण्य मिला है.

कविता को सदन ने तालियों से सराहा और गोष्ठि को सर्वोच्चता प्रदान की।

बरिष्ठ साहित्यकार श्री सतीश श्रीवास्तव ने पिता कविता के साथ ही कविता सुनाई... 

कुछ न कुछ कारण लेकर वह कुंदी आन बजायेगी, 

कर दो खाली भवन नियम की आकर बात बतायेगी.                   साहित्यकार श्री सौरभ तिवारी 'सरस' ने शानदार मुक्तक प्रस्तुत किये-

कोई पर्ची भी ,मेरे नाम की नहीं निकली

दिले सकून के ,पैगाम की नहीं निकली

भरी पड़ी है हथेली ,मेरी लकीरों से

कोई लकीर मेरे काम की ,नहीं निकली.                                             दतिया से पधारे रोहित गुस्ताख ने अपनी शानदार गजलों से तालियां बटोरी तो वहीं ऊधम सिंह यादव चौमुहां की प्रस्तुति खूब सराही गई. 

दिनारा से पधारे बुंदेली के प्रसिद्ध कवि शिवदयाल यादव की कविताओं और गीतों ने तालियों से गुंजायमान कर दिया माहौल....कवि सम्मेलन के अंत में बरिष्ठ गीतकार आदरणीय घनश्याम योगी जी ने पुण्यतिथि पर दोहे, एवं गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी श्री भोगीलाल विलैया आयोजन की प्रसंशा की और कहा कि समाज में इस प्रकार के आयोजन निश्चित रूप से अच्छे संदेश प्रसारित करते हैं., कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा. बृजेश अग्रवाल ने आयोजक परिवार की प्रसंशा की और सफल आयोजन की बधाई दी...कार्यक्रम का सफल संचालन कवि श्री सौरभ तिवारी द्वारा किया गया। 

अंत मे उपस्थित समस्त अतिथियों साहित्यकारों एवं श्रोताओं के आभार  शिवम यादव द्वारा किया गया।



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