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कार्यक्रम-ग्वालियर आयोध्य नगरी फूलबाग मैदान में भव्य पंचकल्याण महोत्सव 18 से 24 फरवरी तक आयोजित होगे


कल मुनिश्री के सानिध्य गोपाचल के पार्श्वनाथ से करेंगेआव्हान, पंचकल्याक का होगा आगाज।


18 फरवरी को देवो का आव्हान गोपाचल पर्वत व 19 को पंचकल्याणक महोत्सव के लिए मंगल कलश शोभायात्रा निकलेगी।

ग्वालियर-आयोध्य नगरी फूलबाग मैदान में 18 से 24 फरवरी तक दिगंबर जैन तीर्थ गोपाचल पर्वत की धर्म नगरी के इतिहास में प्रथम बार वात्सल्य सरोवर राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज, मुनिश्री विजयेश सागर महराज, मुनिश्री विनिबोध सागर महाराज ऐलकश्री विनियोग सागर महाराज व ब्रह्मचारिणी प्रियंका दीदी रीना दीदी एवं नीतू दीदी ससंघ के मंगल सानिध्य एवं प्रतिष्ठिचार्य अजित कुमार शास्त्री एवं सह प्रतिष्ठाचार्य चंद्रप्रकाश जैन के मार्ग दर्शन में 18 से 24 फरवरी तक श्रीमद् मज्जिनेन्द्र जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव आयोजित होगा। मंच कलाकर चक्रेश जैन टीकमगढ़ एवं संगीतकार संजय कुमार पाटी भोपाल होगी।


*पत्थर को भगवान बनाने की विधि है पंचकल्याणक-* मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला मे प्रेसवार्ता में बताते हुए कहाकि पंचकल्याणक क्या होता है, यह पत्थर (पाषाण) को भगवान बनाने की विधि है। तीर्थंकर बनने की पांच घटनाएं होती हैं। गर्भ, जन्म, वैराग्य, केवल ज्ञान और मोक्ष। पंचकल्याणक के दौरान पांचों दिन एक-एक घटना के संदर्भ में अनुष्ठान होता है। तीर्थंकर के गर्भधारण करने के 6 माह से देवता रत्नों की वर्षा करने लगते हैं। मुनिश्री ने कहा पंचकल्याणक क्यों होते है- पत्थर से बनी प्रतिमाएं निर्जीव होती हैं। पहले अनुष्ठान के साथ ही उन्हें जीव मान लिया जाता है। संपूर्ण अनुष्ठान होने के बाद ही मूर्तियां मंदिर में विराजमान करके पूजने लायक होती हैं। मुनिश्री विजयेष सागर भी मौजूद थे। आयोजन समिति के मुख्य मार्गदर्शक अजीत वरैया, अध्यक्ष सिंघई महेशचंद जैन गुरू, महामंत्री पवन जैन पत्रकार, मुख्य संयोजक बालचंद जैन, संयुक्त अध्यक्ष विकास गंगवाल, संयोजक विनय कासलीवाल, निर्मल पाटनी पदमचंद जैन गार्ड, आदि मौजूद थे। 

पंचकल्याकण में मुनिश्री प्रतिमाओ को सूरीमंत्र - महोत्सव के अध्यक्ष सिंघई महेश जैन गुरू, महामंत्री पवन जैन एवं मुख्य संयोजक बालचंद्र जैन ने बताया कि पंचकल्याण महोत्सव के लिए श्री दिगंबर जैन तीर्थ गोपाचल पर्वत मदिर की वेदी मुख्य प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की होगी। वही चौबीसी भगवान, आदिनाथ, वासपूज्य एवं धर्मनाथ एवं अन्य प्रतिमाओ को पंच कल्याणक मे मुनिश्री सूरीमंत्रो की क्रिया पूज्य करेगे।


*निकालेगी कलश यात्रा, शोंभायात्रा में उदयपुर का बैड, हाथी, बाग्गिया होगी सम्मिलित*

आयोजन के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया की मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज के सानिध्य में समन्यक जैन मिलन ग्वालियर के ओर से 19 फरवरी को प्रात-7:30 बजे नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला सें मंगल कलश घटयात्रा निकाली जाएगी। घटयात्रा में 3 हाथी, 24 बाग्गियो में इंद्रा इद्राणिया सवार रहेगे। घोडे, डी.जे, उदयपुर बैड, 6 बैड, तासेढोल, डाडिया एवं 3 रथो में भगवान जिनेद्र की प्रतिमा विरजित होकर चलेगी। नई सडक से शुरू होकर गस्त का ताजिया, राममंदिर, फालक बाजार, शिंदे की छावनी, से आयोध्य नगरी फूलबाग मैदान पहुचेगी। जहाॅ ध्वजरोहण होगा। जगह जगह शोभायात्रा का समाजजनों द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा।


*18 से 24 तक पंचकल्याणक महोत्सव के ये कार्यक्रम रहेंगे*


पंचकल्याणक महोत्सव में 18 फरवरी फूलबाग स्थित जैन गोपाचल पर्वत पर मुनिश्री के सानिध्य भगवान पार्श्वनाथ के देवी देवताओं का आव्हान, पूजन व अनुष्ठान प्रातः 8 बजे से कार्यक्रम होगा। 19 फरवरी को मंगल कलशा घटयात्रा निकालेगी, कार्यक्रम स्थल पर जैन ध्वज रोहण व रात्रि में गर्वकल्याण में सोलह स्वप्न दिखाए जायेगे। 20 फरवरी को सुबह भगवान अभिषेक , प्रवचन, महिलाओ द्वारा प्रतिमाओं की शुद्धिकरण, गोद भराई व शाम को गर्भकल्याणक इंद्रा सभा होगी। 21 फरवरी को सुबह भगवान का जन्म, जुलूस जन्म कल्याणक एवं ऐरावत हाथी पर सुमेरू पर्वत पर 1008 कलशो से जन्मभिशेक पाडुक शिला पर एवं साॅयकाल भगवान का पालन झुलाने के कार्यक्रम होगे। 22 फरवरी को दीक्षा कल्याणक पर बारात,भगवान का वैराग्य व दीक्षा संस्कार होगा। 23 फरवरी को ज्ञान कल्याणक भगवान आहारचर्या एवं 24 फरवरी को मोक्ष कल्याणक और विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ फेरी के साथ संपन्न होगा। 



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