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मुनियों की विदाई अवसर पर श्रद्धालुओं की आँखों से छलक पड़े आंसू

 मुनिराजों मंगल विहार नई सड़क से ट्रांसपोर्ट नगर तक कराया।


मुनिराजों ने ढाई साल में दो बार शहर में भव्य ऐतिहासिक चातुर्मास किया था।

ग्वालियर:-


रोको रे रोको कोई मुनि को विहार से..जैसे भजनों की प्रस्तुति के साथ श्रद्घालुओं के आँखो से बहते अश्रु, मन मे अपार श्रद्धा, चातुर्मास के गुणानुवाद, मुनि भगवन्तो का उपकार स्मरण! कुछ ऐसा ही भाव पूर्ण माहौल था आज मंगलवार को ढाई साल में दो बार कोरोना संकट काल मे ऐतिहासिक चातुर्मास करने वाले वात्सल्य सरोवर राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज, मुनिश्री विजयेश सागर महाराज, मुनिश्री विनिबोध सागर महाराज व ग्वालियर गौरव ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज ससंघ का नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला से विदाई कार्यक्रम हुआ। मुनियों की विदाई की इस बेला में श्रद्घालुओं की नम आंखें से आंसू छलक पड़ीं। 



इस कार्यक्रम में अभूतपूर्व वर्षायोग समिति एवं जैन मिलन ग्वालियर की ओर से  चातुर्मास की समीक्षा व सफलता पर डॉ वीरेंद्र गंगवाल, राजेन्द्र जैन, प्रवीण गंगवाल, विनय कासलीवाल, जैन मिलन के अध्यक्ष योगेश बोहरा, पूर्व अध्यक्ष संजीव अजमेर, पंकज बाकलीवाल, पंडित चंदप्रकाश जैन, हुकुमचंद  जैन, दिनेश जैन, ने चातुर्मास के अनुभव पर अपने विचार व्यक्त किये। संचालन विनय कासलीवाल ने किया। भक्तों ने गुरु मुनिराजों मंगल विहार नई सड़क से ट्रांसपोर्ट नगर तक कराया वही रात्रि विश्राम करेंगे।



उड़ चल पँछी हरीभरी डाल से रुको रे रुको मुनि को विहार से..भजनों छलके आंसू



कार्यक्रम में सगीतकर शुभम जैन सेमी ने भजन उड़ चल पँछी हरीभरी डाल से रुको रे रुको गुरु को विहार से..गुरु तुमरे बिन आंगन सुना सुना लगेगा.. गुरु की जुदाई से मेरा जीवन मे  सुना हो जाएगा भजनों पर भक्तों की आखों से आँसू उछल पड़े।


जैन संत बहते हुए पानी की भाति प्रवाह मान होते है-मुनिश्री


मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जैन मुनि बहते हुए पानी की भाति प्रवाह मान होते है। उन्हें धर्म दीपो को प्रकट करने हेतु एक नगर से दूसरे नगर गतिशील रहना पड़ता है। उन्होंने कहा सयोंग और वियोग एक ही सिक्के के दो पहलु है कभी संयोग होता है तो व्यक्ति प्रसन्न हो जाता है तथा वियोग होने पर दुखी हो जाता है! साधू भगवन्तो के आगमन पर प्रसन्नता तथा प्रस्थान पर मायूसी सहज बात है! मुनिराजों ने सालभर हुई गलतियों के लिए सब से क्षमा याचना की।

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